
गोल्ड लोन एक प्रकार का सिक्योर्ड लोन होता है, जहां लोन की राशि के लिए गोल्ड को सिक्योरिटी के तौर पर गिरवी रखा जाता है। गोल्ड लोन का भुगतान हो जाने तक बैंकों या गोल्ड लोन देने वाली संस्थाओं द्वारा इसे सुरक्षित लॉकर में रखा जाता है। गोल्ड आपातकालीन और अल्पकालिक होता है, जिसे कम समय के लिए दिया जाता है। यह किसी आकस्मिक जरूरत में काम आने वाला एक इमरजेंसी फंड की तरह है, जो लो इंटरेस्ट पर मिलता है। इसकी आवश्यकता हायर एजुकेशन, शादी-ब्याह, घर की मरम्मत, मेडिकल इमरजेंसी, ट्रैवल, डाउनपेमेंट आदि करने में पड़ सकती है। हाई वैल्युुएशन होने के कारण सोना बेहद कम समय में कैश में बदला जा सकता है। ऐसी आपात स्थिति में पैसे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए गोल्ड लोन सबसे अच्छा विकल्प है। गोल्ड लोन सोने की प्योरिटी और वैल्यू के आधार पर मिलता है।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आपात स्थिति में गोल्ड लोन लेना पर्सनल लोन लेने से बेहतर है। पर्सनल लोन की इंटरेस्ट रेट अधिक होती हैं, जबकि गोल्ड लोन की इंटरेस्ट रेट थोड़ी कम होती है। लो इंटरेस्ट रेट के साथ यह फ्लेक्सिबल लोन है, ईजी प्रोसेसिंग के साथ आसानी से मिल जाता है। इसमें अधिक डॉक्यूमेंट या प्रूफ देने की आवश्यकता नहीं होती। गोल्ड का वैल्युएशन हाई होने के कारण इसके मार्केट वैल्यू के 75 प्रतिशत तक आसानी से लोन मिल जाता है।
जब आप बैंक या एनबीएफसी, जहाँ से आप गोल्ड लोन लेना चाहते हैं, अपना गोल्ड लेकर जाते हैं, तब वे आपके गोल्ड की शुद्धता की जाँच करते हैं। गोल्ड का वजन, उसकी प्योरिटी और मार्केट वैल्यू के मुताबिक वे इसका आकलन करते हैं। इसके बाद, आपने जिस दिन गोल्ड लोन के लिए आवेदन किया है, उस तारीख को गहनों की मार्केट वैल्यू के आधार पर लोन की राशि तय की जाती है। अगर आप सोने के गहने गिरवी रखते हैं तो इसमें केवल सोने के हिस्से का ही आकलन किया जाता है। इसके पत्थर और दूसरे रत्नों को इस आकलन में शामिल नहीं किया जाता है। अगर आप 24 कैरेट गोल्ड सिक्कों को गिरवी रखकर लोन लेते हैं तो ये सिक्के बैंक द्वारा जारी होने चाहिए। अगर आपने किसी सुनार के यहां से ये सिक्के खरीदे हैं तो ये मान्य नहीं होंगे।
अगर आपके घर में शादी-विवाह है या आप सपरिवार किसी रिश्तेदार के यहाँ जाने की योजना बना रहे हैं, ऐसे समय में गोल्ड लोन के लिए गिरवी रखे गए अपने आभूषण को आप कुछ वक्त ले सकते हैं। हालाँकि, ऐसी सुविधा सारे बैंक या सभी वित्तीय संस्थाएं नहीं देती, लेकिन कुछ देते हैं। गोल्ड लोन के लिए आवेदन करने से पहले आप अपने बैंक या वित्तीय संस्था से इस सुविधा की जानकारी ले सकते हैं।
गोल्ड लोन के लिए अप्लाई करते वक्त आपको अपने गोल्ड (सोने के सिक्के, गहने या बिस्किट, जो भी हों) को साथ ले जाना जरूरी होता है। इसके बाद बैंक के कर्मचारी आपके गोल्ड का वैल्युएशन करते हैं। हालाँकि, कोविड-19 जैसी इस महामारी के दौर में कुछ एनबीएफसी और बैंकों ने आवेदक के घर पर ही अपने एग्जिक्यूटिव भेज रहे हैं। ये एग्जिक्यूटिव आपके घर पर ही इन गहनों का आकलन करते हैं और आवश्यक डॉक्यूमेंट लेने के बाद लोन की प्रक्रिया को पूरी करते हैं। इसके अलावा, आप बैंक की वेबसाइट पर भी गोल्ड लोन के लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
गोल्ड लोन का आवेदन करने के लिए आपको पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड या पैन की आवश्यकता पड़ेगी। एड्रेस प्रूफ के लिए आपको बिजली बिल या टेलीफ़ोन बिल देना होगा। इसके अलावा, अपने फोटोग्राफ भी आपको देने होंगे। बैंक या लोन देने वाली संस्था कहती है तो आपको अपना इनकम प्रूफ भी देना पड़ सकता है।
कुछ बैंक लोन की रकम पर 1.5 प्रतिशत तक प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी लेते हैं। यह रकम आपको लोन राशि मिलने से पहले देनी पड़ती है। इसके अलावा, बैंक वैल्यूएशन फीस भी लेते हैं। यह फीस आपके गोल्ड की वैल्यू निकालने के एवज में बैंकों द्वारा लिया जाता है।
अगर आप समयबद्ध तरीके से अपने गोल्ड लोन को चुकाने में नाकाम रहते हैं तो बैंक या लोन देने वाली संस्था आपको एक फॉलो-अप रिमाइंडर भेजता है और पेनाल्टी के तौर पर लेट पेमेंट फीस लगाता है। अधिकांश बैंक इंटरेस्ट रेट के अलावा 2 प्रतिशत वार्षिक की लेट फीस चार्ज करते हैं।
रिमाइंडर्स के बावजूद यदि आप लोन को नहीं चुकाते हैं तो गिरवी रखे गए आपके गोल्ड पर लोन देने वाले बैंक या वित्तीय कंपनी का कानूनन अधिकार हो जाता है और वे उसे जब्त कर सकते हैं। बैंक या वित्तीय संस्था इस गोल्ड की नीलामी करके अपना बकाया वसूल कर सकते हैं। इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता है।